उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल - फोटो
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उत्तराखंड के नैनीताल जिले और पछवादून क्षेत्र में नाबालिग बच्चियों के साथ हुई हैवानियत की वारदातों पर बाल आयोग और राज्य महिला आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। दोनों आयोगों ने इन घिनौने अपराधों पर त्वरित संज्ञान लेते हुए दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग की है।

नैनीताल जिले में 12 वर्षीय बालिका के साथ कुकर्म के मामले में आयोग ने पीड़ित परिवार से संपर्क कर हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। इस मामले में नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात कर मामले की जांच तेज करने, आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी और कठोरतम कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

आयोग ने जिला प्रशासन और बाल कल्याण समिति को भी पीड़िता को तत्काल चिकित्सकीय, मानसिक और विधिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। डॉ. खन्ना ने बताया कि आयोग स्वयं इस पूरे प्रकरण की निगरानी करेगा।

70 वर्षीय कुकर्म आरोपी आदतन अपराधी
डॉ. खन्ना ने कहा कि आरोपी आदतन अपराधी जाहिर होता है। उसने दो माह पहले भी बालिका के साथ ऐसा कुकृत्य किया था। तब पीड़िता डर के कारण किसी को कुछ बता नहीं पाई थी। 23 अप्रैल को जब बालिका की नानी को घटना की जानकारी मिली, तब जाकर मामला सामने आया। डॉ. खन्ना ने कहा कि एसएसपी को इस मामले हर पहलू से गहनता से जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने देहरादून में भी एक नाबालिग के साथ बलात्कार और नैनीताल में एक युवती के साथ दुष्कर्म की वारदातों पर भी चिंता जताई।आरोपियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाएं: कंडवाल
वहीं, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने भी नैनीताल में नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म की कड़ी निंदा की। उन्होंने मुख्यमंत्री से ऐसे आरोपियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाने चलाने की मांग की। साथ ही हैवानियत की हद पार करने वालों को फास्ट ट्रैक कोर्ट से जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलाने का निवेदन भी किया। आयोग अध्यक्ष ने नैनीताल के एसएसपी प्रह्लाद मीणा से फोन पर बात कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारी से भी आरोपी ठेकेदार के सभी लाइसेंस निरस्त करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि आयोग की सदस्य उर्मिला जोशी जल्द पीड़ित नाबालिग किशोरी और उसके परिजनों से मिलेंगी।

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