दो वन्यजीव अभयारण्यों पर मानवीय दखलंदाजी से जंगल पर पड़ रहे प्रभाव एवं जैव विविधता के संरक्षण के लिए बने नियमों से आबादी क्षेत्र पर होने वाले असर के संबंध में वन अनुसंधान संस्थान पर्यावरण वहन क्षमता का अध्ययन कर रहा है। अध्ययन के बाद संतुलित और पर्यावरणीय हित में उठाए जाने वाले कदमों की संस्तुति भी एफआरआई करेगा। एफआरआई वैज्ञानिकों का दावा है कि प्राथमिक स्रोतों के साथ पर्यावरण वहन क्षमता का यह पहला अध्ययन है।
पंजाब में तखनी-रहमापुर (होशियारपुर) और बीर भादसों (पटियाला) वन्यजीव अभयारण्य हैं। इन अभयारण्यों के 100 मीटर क्षेत्र में इको सेंसेटिव जोन घोषित किया गया है। पंजाब के वन विभाग ने इन दोनों अभयारण्यों के इको सेंसेटिव जोन की वहन क्षमता का अध्ययन कराने का फैसला किया।