उत्तराखंड में सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों, कर्मचारियों की लेटलतीफी अब नहीं चलेगी। महीने में तीन दिन देर होने पर माफी मिलेगी, लेकिन चौथी बार देर होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। इस संबंध में बृहस्पतिवार को आदेश जारी हो गया।
मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन ने सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों व कर्मचारियों की बायोमीट्रिक हाजिरी एक मई से अनिवार्य की थी। अब विभागों में इसे लेकर सख्ती बरती जाएगी। सचिव विनोद कुमार सुमन की ओर से सभी प्रमुख सचिव, विशेष सचिव, सचिव, मंडलायुक्त, विभागाध्यक्ष, जिलाधिकारियों को इस बाबत आदेश जारी कर दिया गया है।
आदेश के मुताबिक, सभी अधिकारी-कर्मचारी समय से बायोमीट्रिक हाजिरी लगाएंगे। प्रतिदिन नामित अधिकारी सुबह 10:15 बजे बायोमीट्रिक हाजिरी के विवरण की समीक्षा करते हुए कार्यालय में देरी से आने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। सचिवालय कर्मचारियों, अधिकारियों के लिए यह समय 9:45 बजे का है।
आदेश में कहा गया है कि महीने में एक दिन देरी से आने वाले को मौखिक चेतावनी, दो दिन देरी से आने वालों को लिखित चेतावनी दी जाएगी। तीन दिन देरी से आने वालों का एक दिन का आकस्मिक अवकाश काटा जाएगा। चार दिन या इससे अधिक बार देरी से दफ्तर पहुंचने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। ये भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी सूरत में ढीला रवैया नहीं चलेगा।