आंगनबाड़ी केंद्र
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राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्र अप्रैल-मई से हाईटेक हो जाएंगे। सबसे पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन देकर बाकायदा तकनीकी तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। अप्रैल में स्मार्ट फोन मिलेंगे। मई में पोषण ट्रैकर एप के उपयोग का प्रशिक्षण प्रत्येक जिले में मिलेगा।

फोन या एप से संबंधित कोई तकनीकी समस्या के निदान के लिए प्रत्येक जिले में सर्विस सेंटर स्थापित किया जाएगा। सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों की कार्यकर्ताओं को तकनीकी सहायता देने के लिए टोल फ्री नंबर उपलब्ध होगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य में 20 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता को स्मार्ट फोन देने का टेंडर फाइनल हो चुका है।

शुक्रवार को स्मार्ट फोन को तकनीकी मंजूरी भी मिल गई। कुछ दिन पहले केंद्र सरकार के सामने विभाग की वार्षिक प्रस्तुति में सभी कार्यकर्ताओं को प्रतिदिन दो जीबी डेटा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा गया है। कार्यकर्ताओं को फोन के साथ एक विशेष पारदर्शी कवर भी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि बरसात में फोन सुरक्षित रहे।पोषण ट्रैकर एप की आवश्यकता

पोषण ट्रैकर एप के जरिये आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियों की लाइव ट्रैकिंग की जा सकेगी। इससे सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन, कार्यकर्ताओं को दैनिक गतिविधियों, उपस्थिति और सेवाओं को अपडेट करने में मदद होगी।

राज्य सरकार का उद्देश्य पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियों को पारदर्शी बनाना और कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करना है। इससे मिशन पोषण और आईसीडीएस के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। यह कदम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के काम को आसान बनाने, बच्चों व महिलाओं के पोषण और विकास को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

-प्रशांत आर्य, निदेशक महिला कल्याण और बाल विकास

 

जब तक हमें स्मार्ट फोन या डेटा रिचार्ज नहीं मिलेगा, हम ट्रैकर एप से फेस कैप्चरिंग से हाजिरी दर्ज नहीं कराएंगे। संगठन ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि प्रशिक्षण के बिना किसी कार्यकर्ता पर एप के इस्तेमाल का दबाव न बनाएं।

 -रेखा नेगी, प्रदेश अध्यक्ष, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सेविका/मिनी कर्मचारी संगठन

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