राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) करने वाले उत्तराखंड के हजारों अभ्यर्थियों को सुप्रीम राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सरकार उनके लिए सहायक अध्यापक प्राथमिक भर्ती सेवा नियमावली को संशोधित कर उन्हें भर्ती में शामिल करेगी।
प्रदेश में ऐसे अभ्यर्थी करीब 37 हजार हैं। प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षा विभाग ने वर्ष 2020-21 में दो हजार से अधिक पदों के लिए आवेदन मांगे थे। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से डीएलएड और बीएड अभ्यर्थियों के साथ ही एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों ने इसके लिए आवेदन किया। एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों का कहना है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं एनसीटीई से उन्हें मान्यता मिली है।
उत्तराखंड में 2906 पदों के लिए चल रही भर्ती में शामिल किया जाए
इसके जवाब में शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट में बताया कि अब 80 प्रतिशत भर्ती पूरी हो चुकी है। यदि इन्हें भर्ती में शामिल किया गया तो भर्ती रद्द कर नए सिरे से भर्ती करनी होगी। एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों ने इस मामले को हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करा लिया था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने पांच मार्च 2025 को फैसला दिया कि चयनित पदों पर शिक्षक भर्ती को रद्द नहीं किया जाएगा। शेष पदों पर एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल किया जाए।