केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से कुपोषण को खत्म करने व महिलाओं के स्वास्थ्य सुधार के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। चालू वित्तीय वर्ष में दिसंबर माह तक इस पर 430 करोड़ का बजट खर्च किया गया। इसके बावजूद कुपोषित बच्चों के आंकड़े चिंतित कर रहे हैं। हालत यह है कि उत्तराखंड में चार साल में अति कुपोषित बच्चों की संख्या ढाई गुना बढ़ गई है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 की रिपोर्ट में प्रदेश में अति कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ने का खुलासा हुआ है। वर्ष 2020-21 में प्रदेश में कुपोषित बच्चे 8856 व अति कुपोषित बच्चों की संख्या 1129 थी। इनमें अति कुपोषित बच्चों की संख्या 2024-25 में बढ़कर 2983 पहुंच गई।