उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में भारी अनियमिताएं सामने आई हैं। एक तो केंद्रीय मंत्रालय के आदेश के विरुद्ध बोर्ड ने घरेलू सामान खरीदे, ऊपर से उनमें से साइकिल और टूलकिट कहां गईं, पता ही नहीं चला। कोविडकाल में अपात्र लोगों को राशन किट बांटने से लेकर विवाह योजना के लिए नियम विरुद्ध 7.19 करोड़ रुपये बांट दिए गए।
31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वित्त वर्ष की कैग की रिपोर्ट में कर्मकार बोर्ड में हुए घोटालों का पर्दाफाश हो गया है। यहां टूलकिट, साइकिल और राशनकिट अपात्र लोगों को बांट दी गईं। श्रमिकों की बेटियों या महिला श्रमिक के विवाह के लिए 51,000 रुपये आर्थिक सहायता का नियम तोड़कर बोर्ड ने राशि एक लाख रुपये कर दी और दिसंबर 2018 से नवंबर 2021 तक 1468 लाभार्थियों को 7.19 करोड़ रुपये ज्यादा बांट दिए। इनकी पात्रता भी सुनिश्चित नहीं की गई।
नियमानुसार श्रमिक की मृत्यु के 60 दिन के भीतर मुआवजा देना चाहिए, लेकिन देहरादून व ऊधमसिंह नगर में औसत समय 140 दिन पाया गया। प्रसूति योजना के तहत मातृत्व लाभ नियम विरुद्ध 10,000 से बढ़ाकर 15,000 व 25,000 रुपये करते हुए 225 मामलों में 19.75 लाख अधिक भुगतान किया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर बोर्ड ने गैर पंजीकृत 5,47,274 लाभार्थियों को 215 करोड़ का लाभ दे दिया। डीबीटी ढांचे का भी उपयोग नहीं किया गया।