प्रदेश की धामी सरकार राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में परंपरागत जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने और सूख चुके झरनों को नया जीवन देने के लिए केंद्रीय बजट में विशेष अनुदान की उम्मीद कर रहा है। इसके लिए सरकार ने स्प्रिंग शेड एंड रिवर रिजुवेनेशन प्राधिकरण (सारा) का गठन किया है। राज्य में जल संरक्षण के अभियान को जमीन पर उतारने के लिए सारा को केंद्र के वित्तीय सहारे की दरकार है।
एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश होने की संभावना जताई जा रही है। बता दें कि सारा के तहत हजारों की संख्या में पारंपरिक जल स्रोतों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें पुनर्जीवित करने के लिए बड़ी धनराशि की आवश्यकता होगी। हालांकि राज्य सरकार ने खुद के वित्तीय संसाधनों से जलस्रोतों के पुनरोद्धार की शुरुआत कर दी है। लेकिन सीमित वित्तीय संसाधन होने की वजह से सभी जल स्रोतों और झरनों, नालों और खालों को नया जीवन देने के लिए ज्यादा धनराशि चाहिए।