हेराफेरी करने वालों ने चीन सीमा पर सुरक्षा का भी ख्याल नहीं रखा। इन अधिकारियों ने चीन सीमा पर मोर्चों का निर्माण करने में भी पत्थरों की ढुलाई में घोटाला किया। अधिकारियों ने पोर्टरों(बोझा ढोने वाले) के माध्यम से मोर्चे से एक किलोमीटर के दायरे से पत्थर उठवाए। जबकि, चालान कई गुना दूरी के दिखाए। यही नहीं जिन जगहों पर पत्थर भेजने संबंधी चालान थे, वहां एक भी पत्थर नहीं भेजा गया। इस तरह इन अधिकारियों ने चीन सीमा पर इन मोर्चों के निर्माण में भी ठेकेदारों को मानकों से नौ लाख रुपये से भी अधिक का भुगतान किया।
इसी तरह जनरेटर की ढुलाई और अन्य सामग्री की ढुलाई में भी लाखों रुपये की हेराफेरी की। दरअसल, 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की चीनी सैनिकों से झड़प हुई थी। इसके बाद चीन सीमा पर तनाव की स्थिति बन गई थी। इस पर आईटीबीपी मुख्यालय ने सीमा क्षेत्र पर नए मोर्चे बनाने और पुराने मोर्चों की मरम्मत करने के आदेश जारी किए थे।