बेकार सामान हमेशा कूड़ेदान में नहीं जाता। कलाकार की सोच और हुनर बेकार चीजों को भी आकर्षक रूप दे सकता है। इसकी तस्दीक कर रहा है महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम के पास खेलों के बेकार सामान से तैयार किया गया राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर मोनाल। पौड़ी के अरुण भंडारी ने शुभंकर मोनाल की आंखें जहां फुटबाल से तैयार की है तो वहीं खिलाड़ी का चेहरा बनाने के लिए बल्ले का इस्तेमाल किया है।
स्टैच्यू आर्टिस्ट अरुण को अपनी धाती अपनी माटी से जुड़ने का अवसर मिला तो वह अपने अन्य सभी प्रोजेक्ट छोड़कर 38वें राष्ट्रीय खेल का हिस्सा बनने के लिए उत्तराखंड पहुंच गए। मूलरूप से पौड़ी जिले के सतपुली ग्राम कुंड निवासी अरुण भंडारी अभी परिवार के साथ दिल्ली में रहते हैं। वह यहां खेल को आकर्षक बनाने के लिए दीपाली संस्था के साथ मिलकर खेलों के बेकार सामान से स्टैच्यू तैयार कर रहे हैं जिसमें उत्तराखंड का राज्य पक्षी और राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर मोनाल शामिल है।