जनप्रतिनिधित्व की पाठशाला माने जाने वाले निकायों के चुनाव में टिकट की दावेदारी को लेकर जोशीले युवाओं और अनुभवी नेताओं में घमासान छिड़ गया है। प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस में युवा और अनुभवी दावेदार एक-दूसरे के आमने-सामने हैं और टिकट के लिए दावेदारी के पक्ष में अपने-अपने तर्क गढ़ रहे हैं।
इन विरोधाभासी तर्कों ने राजनीतिक दलों के पर्यवेक्षकों और नेतृत्व को खासी मुश्किल में डाल दिया है। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा में टिकट के दावेदार मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री संगठन के अलावा क्षेत्रीय सांसद और विधायक के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के दावेदार प्रदेश अध्यक्ष के साथ पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ नेताओं के पास अपनी फरियादें सुना रहे हैं।