एक गलत दस्तावेज सालों से वन विभाग के गले की फांस बना था। जिसके सहारे एक शख्स पिछले कई सालों में आरटीआई के तहत लगातार अनुरोध पत्र और अपील दाखिल करके वन विभाग पर दबाव बना रहा था। इस फांस को अब राज्य सूचना आयोग ने निकाल दिया है।
विभाग की एक चूक की वजह से अपीलार्थी घुमा-फिराकर वही सवाल उठाता है। आयोग ने न सिर्फ अपीलार्थी को चेताया, बल्कि प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) को संबंधित मामला प्रेषित कर निर्देश दिया है कि जिन अभिलेखों में कूटरचना जाहिर हो रही है उनकी गंभीरतापूर्वक कार्यवाही करें, ताकि भविष्य में कोई संशय बाकी न रहे। बार-बार आरटीआई लगाने वाले की भूमिका की भी जांच की जाए।