प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए जूझ रही कांग्रेस में पहली पांत के नेताओं को अपनी हिलती जड़ों को संभालना मुश्किल हो रहा है। दुर्भाग्य से उनकी जगह लेने के लिए पार्टी की दूसरी पांत भी जड़ें नहीं जमा पा रही हैं। इस दोहरी चुनौती के साथ पार्टी को 2027 के विधानसभा चुनाव में उतरना है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पार्टी के क्षत्रपों की छाया में दूसरी पांत पनप नहीं पा रही है। सत्ता से बाहर होने के कारण दूसरी पंक्ति के नेताओं में भी पार्टी की बड़ी भूमिका लेने में कोई खास दिलचस्पी दिखाई नहीं देती है। विधानसभा, लोकसभा व निकाय चुनाव में मिली हार के बाद अब कांग्रेस में सत्ता की वापसी के लिए छटपटाहट दिख रही है। लेकिन पार्टी में नेताओं की दूसरी पांत सक्रिय नहीं है