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दिवाली में हवा की गुणवत्ता प्रभावित होती है पर कुछ सालों में कई शहरों में सुधार होने का संकेत मिल रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिवाली के सात दिन पहले और सात दिन बाद हवा की गुणवत्ता की जांच करता है। वर्ष-2021 से ऋषिकेश, काशीपुर और हल्द्वानी में तीन साल लगातार एक्यूआई में सुधार हुआ है। इसका एक कारण आतिशबाजी कम होना भी हो सकता है।

दिवाली के दिन लोग जमकर आतिशबाजी करते है। इससे हवा की गुणवत्ता प्रभावित होती है। हवा प्रदूषित होने और शोर से कई लोगों को असहजता भी महसूस होती है। ऐसे में लोग आतिशबाजी कम करें इसके लिए जागरूकता के प्रयास किए जाते हैं। इसके अलावा पीसीबी ने पहाड़ों में भी हवा की गुणवत्ता जांचने का काम शुरू किया है।

बहरहाल, पीसीबी के आंकड़ों के अनुसार दिवाली में लगातार तीन सालों में ऋषिकेश, काशीपुर और हल्द्वानी में हवा की गुणवत्ता की जांच की गई, उसमें हर वर्ष लगातार एक्यूआई में सुधार दिखाई दिया है। जबकि देहरादून में 2021 की तुलना में वर्ष-2022 में 80 एक्यूआई का सुधार आया था। वर्ष-2023 में वह फिर 2021 की स्थिति में पहुंच गया। कमोबेश यही हाल रुद्रपुर का है। वहीं, हरिद्वार में वर्ष-2022 की तुलना में हवा की गुणवत्ता कुछ प्रभावित हुई है।

 

शहर   2021 2022 2023(एक्यूआई)
देहरादून  327 247 318
ऋषिकेश 257 236 130
हरिद्वार 321 223 231
काशीपुर 267 249 237
हल्द्वानी 251 227 223
रुद्रपुर 263 240 255
टिहरी 194
नैनीताल 143

 

पहाड़ों में भी जांच का काम शुरू किया गया

पीसीबी ने जांच का दायरा बढ़ाया है। पिछले साल से नैनीताल और टिहरी जांच शुरू की गई है। यहां पर ध्वनि और वायु प्रदूषण की जांच की जा रही है। इसके अलावा देहरादून में तीन स्थान, ऋषिकेश और काशीपुर में दो- दो जगहों पर जांच की जाती है। इस साल पीसीबी आज से जांच काम शुरू करेगा। यह जांच दिवाली के समय विशेषताैर से 15 दिन के लिए की जाती है।

यह है मानक

0-50 एक्यूआई काे अच्छा माना जाता है। 51-100 को संतोषजनक, 101-200 तक मध्यम, 201 से 300 तक खराब, 301-400 तक बहुत खराब और 401 से 500 गंभीर माना जाता है।

हवा की गुणवत्ता में सुधार आ रहा रहा है। दिवाली के समय ही देखे तो कुछ शहरों में क्रम से सुधार दिखाई देता है। बुधवार को देहरादून में एक्यूआई 65 रहा था, यह संतोषजनक श्रेणी में है।              -डॉ पराग मधुकर धकाते, पीसीबी सदस्य सचिव

 

 

By admin